आइये आज सीखें Hindi Story For Kids-दो तोतों की कहानी, जिसमें हम संगति और माहौल का प्रभाव के बारे में सीखेंगे l
बहुत समय पहले, एक राज्य था जो घने और विशाल जंगलों से घिरा हुआ था। उस राज्य में एक बुद्धिमान और न्यायप्रिय राजा का शासन था। एक दिन, राजा ने शिकार पर जाने का फैसला किया और अपने महल के सेना के साथ जंगल में निकला। जंगल में शिकार का पीछा करते-करते, राजा अपने साथियों से बिछड़ गया और दिशा भटक गया। घने जंगल में खो जाने के बाद, राजा बिना किसी दिशा के इधर-उधर घूमता रहा।
सूरज ढल रहा था और लंबे-लंबे पेड़ों की छायाएँ जंगल के फर्श पर डरावनी लगने लगी थीं। जब राजा एक पुराने, बड़े पेड़ के पास पहुंचा, तो उसे अचानक एक आवाज़ सुनाई दी जिसने उसे चौंका दिया।
“राजा आ गया है! राजा आ गया है! जल्दी लूटो!” आवाज़ ने पुकारा।
Hindi Story For Kids:पहला तोता
चौंक कर, राजा ने ऊपर देखा तो पाया कि एक तोता उस पेड़ की शाखा पर बैठा था। आश्चर्यजनक रूप से, यह तोता ही वह आवाज़ निकाल रहा था, जो पास के डाकुओं को चेतावनी दे रहा था। खतरे को नापते हुए, राजा तुरंत वहां से भाग गया, यह सोचते हुए कि कहीं डाकू उसे लूटने के लिए न आ जाएं। उसका दिल जोर-जोर से धड़क रहा था, और वह लगातार पीछे मुड़कर देखता जा रहा था कि कहीं कोई उसका पीछा तो नहीं कर रहा है।
कुछ समय बाद, राजा को जंगल में एक छोटी सी झोपड़ी दिखाई दी, जो एक साफ-सुथरी जगह में स्थित थी। जैसे ही वह झोपड़ी के पास पहुंचा, एक सौम्य और मधुर आवाज़ ने उसे पुकारा, “कृपया अंदर आइए, महाराज। हमारे घर में आपका स्वागत है।”
Hindi Story For Kids:दूसरा तोता
राजा ने झोपड़ी के चारों ओर देखा, कहीं कोई खतरा तो नहीं है। लेकिन इस बार आवाज़ में कोई खतरा नहीं, बल्कि शांति और स्वागत की भावना थी। जिज्ञासा से भरा, राजा झोपड़ी के अंदर चला गया, जहां उसे एक और तोता मिला। यह तोता पहले मिले तोते से बहुत अलग था—शांत और आदरपूर्वक। झोपड़ी के अंदर एक साधु ध्यान में बैठे थे।
राजा, अभी भी अपने पिछले अनुभव से विचलित, साधु के प्रति आदरपूर्वक झुका। वह यह देखकर हैरान था कि दोनों तोते, जो एक जैसे दिखते थे, उनके व्यवहार में इतना अंतर कैसे हो सकता है। एक ने उसे खतरे में डाला था, जबकि दूसरे ने उसे आदरपूर्वक स्वागत किया था।
अपनी जिज्ञासा को शांत न कर पाने के कारण, राजा ने साधु से पूछा, “कैसे हो सकता है कि दो तोते, जो एक जैसे दिखते हैं, इतने भिन्न तरीके से बोलते और व्यवहार करते हैं?”
साधु, जो ज्ञान से परिपूर्ण थे, शांत भाव से मुस्कुराते हुए राजा को समझाना शुरू किया।
“महाराज, इन दो तोतों की कहानी संगति और माहौल की है। कुछ समय पहले, इस जंगल में एक जोड़ा तोता शांति से रहता था। उनके दो छोटे बच्चे थे जो हमेशा साथ रहते थे।
दुर्भाग्यवश, एक भयंकर तूफान आया और उसने माता-पिता की जान ले ली, जिससे उनके दोनों बच्चे अनाथ हो गए। राजा साधु की बात ध्यान से सुनते रहे।
“तूफान के दौरान, दोनों तोते अलग हो गए। दुर्भाग्यवश, एक तोता जंगल में रहने वाले डाकुओं के हाथों में पड़ गया। वे डाकू, जो चोर थे, उसे अपने जैसा बना लिया। समय के साथ, वह तोता उनकी कठोर भाषा और बुरे कामों को सीख गया। अब वह डाकुओं के लिए यात्रियों को लूटने के लिए उनका ध्यान आकर्षित करता है। उसने केवल डाकुओं की संगति पाई और उन्हीं के अनुसार उसका स्वभाव बन गया।”
साधु ने एक पल रुक कर उस शांत और सौम्य तोते की ओर इशारा किया, जिसने राजा का स्वागत किया था।
“दूसरा तोता, हालांकि, इस आश्रम में आ गया, जहां उसे शांति, करुणा और ज्ञान का माहौल मिला। यहां रहने वाले साधुओं ने उसे अपने प्रेम और आदरपूर्ण व्यवहार से पोषित किया। इसने भी इन्हीं गुणों को अपनाया और अब वह इन मूल्यों को दर्शाता है। इसे अच्छे माहौल का लाभ मिला और इसका हृदय अब स्नेह और सम्मान से भरा हुआ है।”
राजा कुछ क्षणों के लिए चुप रहा, साधु की बातों पर विचार करते हुए। उन्होंने हमेशा संगति के प्रभाव में विश्वास किया था, लेकिन इन दो तोतों की सरल कहानी ने इस सत्य को और गहरा कर दिया। राजा को समझ आया कि जिस माहौल में हम रहते हैं और जिन लोगों के साथ रहते हैं, वे हमारे व्यक्तित्व को गहराई से प्रभावित करते हैं। ठीक वैसे ही जैसे इन दो तोतों की अलग-अलग संगति ने उनके स्वभाव को अलग-अलग दिशा दी।
साधु ने अपनी बात को एक महत्वपूर्ण कहावत के साथ समाप्त किया: “जैसे एक बीज उस मिट्टी में पनपता है, जिसमें वह बोया जाता है, वैसे ही हमारे विचार, शब्द और कर्म उस माहौल में पनपते हैं, जिसमें हम खुद को रखते हैं। व्यक्ति का चरित्र, इन तोतों की तरह, उस संगति का प्रतिबिंब होता है, जिसे वह अपनाता है।”
राजा ने सहमति में सिर हिलाया और इस ज्ञान को समझते हुए साधु का आभार व्यक्त किया। राजा ने अपने महल लौटने की तैयारी की, उनके हृदय में नए ज्ञान की भावना के साथ।
जंगल से लौटते समय, राजा ने संगति की महत्ता पर विचार किया। उन्होंने यह संकल्प लिया कि वह इस ज्ञान का उपयोग अपने शासन में करेंगे और अपने राज्य के लोगों को भी यह संदेश देंगे कि वे अपने जीवन में अच्छे प्रभावों को अपनाएं।
समय के साथ, इन दो तोतों की कहानी पूरे राज्य में प्रसिद्ध हो गई। यह कहानी एक संदेश बन गई कि संगति और माहौल का हमारे जीवन पर कितना गहरा प्रभाव होता है। राजा ने सुनिश्चित किया कि यह कहानी पीढ़ी दर पीढ़ी सुनाई जाए, ताकि यह अमूल्य शिक्षा सभी तक पहुंचे कि हमें अपनी संगति और माहौल को समझदारी से चुनना चाहिए।
और इस प्रकार, इन दो तोतों की कहानी आज भी जीवित है, यह याद दिलाने के लिए कि हम जो बनते हैं, वह अक्सर उन लोगों और माहौल का प्रतिबिंब होता है, जिनके साथ हम अपना समय बिताते हैं।
Moral Of Hindi Story For Kids-दो तोतों की कहानी:
यह कहानी हमें सिखाती है कि संगति और माहौल का हमारे व्यक्तित्व और व्यवहार पर गहरा प्रभाव होता है। जिस प्रकार दो तोते एक जैसे होते हुए भी अपनी-अपनी संगति के कारण बिल्कुल अलग हो गए, उसी प्रकार हम भी अपने जीवन में उन्हीं गुणों को अपनाते हैं जो हमारे आसपास के लोग और हमारा वातावरण हमें सिखाते हैं। इसलिए, हमें हमेशा अच्छी संगति चुननी चाहिए और ऐसे माहौल में रहना चाहिए जो हमें सकारात्मक दिशा में विकसित करे।
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