आइए आज जानें शरारत की सजा के बारे में, नीचे दिए गए Very Short Story in Hindi with Moral के जरीये l
एक अमीर आदमी के पास एक पालतू हाथी था। हाथी बहुत चंचल था। वह रोज गांव के किनारे एक झील में नहाने जाता था। झील के रास्ते में एक दर्जी की दुकान थी।
जब भी हाथी दुकान के पास से गुजरता, दर्जी उसे केले खिलाता। हाथी को केले बहुत पसंद थे। झील पर जाने से पहले वह रोज दर्जी की दुकान पर जाता था।
एक दिन दर्जी उसकी दुकान पर काम कर रहा था। हाथी रोज की तरह उससे मिलने आता था। दर्जी उस दिन चुलबुला सा महसूस कर रहा था। हाथी को खाना खिलाते समय उसने उसकी सूंड में सुई चुभो दी। हाथी चौंककर जोर से चिल्लाया। दर्जी उसकी प्रतिक्रिया पर हंसा। हाथी ने और कुछ नहीं किया। वह जल्दी से नहाने चला गया।
दोपहर हो चुकी थी। हाथी अपनी सूंड में कीचड़ भरा पानी लेकर जा रहा था। उसने कीचड़ भरा पानी दर्जी और उसकी दुकान के कपड़ों पर छिड़क दिया। दर्जी को भारी नुकसान हुआ। दर्जी की शरारत की उसे भारी कीमत चुकानी पड़ी।
नैतिक शिक्षा Of this Very Short Story in Hindi with Moral:
अपने आनंद के लिए दूसरों को दुख पहुंचाना गलत है l
FAQ’s Of Very Short Story in Hindi with Moral:
1.हाथी ने दर्जी से बदला क्यों लिया?
हाथी ने दर्जी से बदला इसलिए लिया क्योंकि दर्जी ने शरारत में उसकी सूंड में सुई चुभो दी थी। हाथी चुपचाप यह सह गया, लेकिन वापस आते समय उसने अपनी सूंड में कीचड़ भरा और उसे दर्जी और उसकी दुकान के कपड़ों पर फेंक दिया, जिससे दर्जी को भारी नुकसान हुआ।
2.दर्जी की दुकान पर हाथी रोज क्यों जाता था?
हाथी रोज दर्जी की दुकान पर इसलिए जाता था क्योंकि दर्जी उसे केले खिलाया करता था। हाथी को केले बहुत पसंद थे और वह हर दिन दर्जी से मिलने के बाद ही झील में स्नान करने जाता था।
3.इस कहानी से हमें क्या सीख मिलती है?
इस कहानी से हमें यह सीख मिलती है कि किसी के साथ शरारत या बुरा व्यवहार नहीं करना चाहिए, क्योंकि उसका परिणाम बुरा हो सकता है। दर्जी की शरारत ने उसे नुकसान पहुंचाया, जिससे यह साबित होता है कि हर क्रिया की एक प्रतिक्रिया होती है।
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