The Value of Short Moral Story For Kids With Moral Lesson
A short moral story for kids often imparts timeless wisdom through simple narratives. Take the tale of the owl and the grasshopper, for instance—one sunny afternoon, the wise owl, disturbed by the grasshopper’s loud singing, politely asks it to stop. The grasshopper, feeling entitled, insists on singing louder. In response, the owl cleverly invites the grasshopper to share a special drink, only to reveal its true intention when the grasshopper comes closer.
A very short stories with morals in Hindi or any language, comes to life, embedding important lessons within each scene. Through such Short Moral Story For Kids With Moral Lesson children learn the importance of humility and respect. Even 10-line short stories with moral lessons effectively engage kids, helping them intuitively understand essential life values.
उल्लू और टिड्डे की कहानी की परिचय
उल्लू एक रात का जीव है जो दिन के समय सोता है और रात में शिकार पर निकलता है। उसकी तेज़ नज़रें और सुनने की क्षमता उसे एक कुशल शिकारी बनाती हैं। आज की इस कहानी में, हम जानेंगे कि कैसे एक बूढ़े उल्लू ने अपनी बुद्धिमानी से एक घमंडी टिड्डे को सबक सिखाया।
उल्लू का निवास स्थान
उल्लू का घर एक पुराने ओक के पेड़ के खोखले हिस्से में है। यह स्थान उसे दिन में सोने के लिए सुरक्षित और शांत वातावरण प्रदान करता है। हर शाम, जैसे ही सूरज ढलता है और आसमान गुलाबी आभा छोड़ देता है, बूढ़ा उल्लू अपनी मांद से बाहर आता है और रात की दुनिया में शिकार की तलाश में निकल पड़ता है।
उल्लू की भोजन की आदतें
रात में उल्लू की शिकार की गतिविधियां शुरू होती हैं। वह चुपचाप कीड़े-मकोड़ों, मेंढकों और चूहों की खोज में घूमता है। उसकी शिकार करने की यह कला उसे अन्य पक्षियों से अलग बनाती है।
एक बूढ़ा उल्लू
कहानी का नायक एक बूढ़ा उल्लू है जो उम्र के साथ-साथ थोड़ा चिड़चिड़ा हो गया है। उसकी नींद में खलल डालने पर उसे बेहद गुस्सा आता है। उसकी यह नाराजगी एक गर्मी की दोपहर में एक छोटे से टिड्डे पर निकलती है।
दिन के समय उल्लू की नींद
चूंकि उल्लू रात का पक्षी है, वह दिन में आराम करना पसंद करता है। दिन की रोशनी और शोर से दूर, वह अपनी मांद में सुकून से सोता है, ताकि रात के शिकार के लिए ऊर्जावान रह सके।
टिड्डे का आगमन
एक दिन, उल्लू की मांद के पास एक टिड्डा कर्कश आवाज में गाना गाने लगता है। उसकी तेज़ और तीखी आवाज से उल्लू की नींद में खलल पड़ता है, जिससे वह नाराज हो जाता है। टिड्डे की यह आदत उसे परेशान कर देती है।
उल्लू का चेतावनी देना
उल्लू अपनी मांद से बाहर निकलता है और टिड्डे से शांत रहने की विनम्रता से अनुरोध करता है। वह उसे समझाता है कि उसकी उम्र का सम्मान करते हुए उसे शांति से सोने देना चाहिए। लेकिन टिड्डे को यह सलाह बिलकुल पसंद नहीं आती।
टिड्डे का जवाब
टिड्डा घमंड से जवाब देता है कि उसे भी धूप में गाने का उतना ही अधिकार है जितना उल्लू को पेड़ पर रहने का। वह उल्लू की बात को अनसुना करते हुए और भी ऊंची आवाज़ में गाना शुरू कर देता है।
उल्लू की चालाकी
उल्लू समझता है कि टिड्डे के साथ बहस करना व्यर्थ है। वह अपने अनुभव और बुद्धिमानी का उपयोग करते हुए एक योजना बनाता है। टिड्डे को शांत करने के लिए उल्लू एक चाल चलने का निर्णय लेता है।
टिड्डे को फुसलाने की योजना
उल्लू बहुत ही चतुराई से टिड्डे की चापलूसी करता है। वह उसे बताता है कि उसके पास एक विशेष पेय है जो उसे अपोलो जैसे देवताओं की तरह गाने में मदद कर सकता है। यह बात सुनकर टिड्डा उल्लू की चाल में फंस जाता है।
टिड्डे की मूर्खता
चापलूसी की वजह से टिड्डा उल्लू की मांद की ओर कूद पड़ता है। उल्लू को उसका इंतजार था, और जैसे ही टिड्डा पास आता है, वह उसे एक झटके में पकड़ लेता है और खा जाता है।
टिड्डे का अंत
टिड्डे की मूर्खता और चापलूसी में फंसने के कारण उसका अंत हो जाता है। इस घटना से यह स्पष्ट होता है कि कभी-कभी चापलूसी हमें सही-गलत का फर्क भूलने पर मजबूर कर देती है।
चापलूसी का अर्थ
इस कहानी में, चापलूसी का अर्थ उन शब्दों से है जो सच्चे नहीं होते, बल्कि दूसरों को फंसाने के लिए कहे जाते हैं। सच्ची प्रशंसा और झूठी चापलूसी में हमेशा फर्क समझना चाहिए।
नैतिक शिक्षा
यह कहानी हमें सिखाती है कि चापलूसी के जाल में न फंसे। हमें हमेशा सतर्क रहना चाहिए और किसी की भी बातों में यूं ही भरोसा नहीं करना चाहिए। चापलूसी हमें अपनी सुरक्षा की चेतना से भटका सकती है।
निष्कर्ष
इस कहानी का सारांश यह है कि चापलूसी सच्ची प्रशंसा का सबूत नहीं होती। हमें समझदारी से काम लेना चाहिए और किसी की भी बातों में बिना सोचे-समझे विश्वास नहीं करना चाहिए।
FAQs of Short Moral Story For Kids With Moral Lesson
- उल्लू दिन में क्यों सोता है?
उल्लू एक निशाचर पक्षी है, इसलिए वह दिन में आराम करता है और रात में शिकार पर निकलता है। - टिड्डे की आवाज़ से उल्लू क्यों परेशान हुआ?
टिड्डे की तीखी आवाज ने उल्लू की नींद में खलल डाला, जिससे वह नाराज हो गया। - क्या उल्लू ने टिड्डे को मारने का कोई तरीका सोचा था?
हां, उल्लू ने अपनी चतुराई से टिड्डे को फुसलाने का एक चालाक तरीका अपनाया। - कहानी का नैतिक क्या है?
इस कहानी से हमें सीख मिलती है कि चापलूसी के जाल में नहीं फंसना चाहिए और सच्ची प्रशंसा और झूठी चापलूसी में फर्क समझना चाहिए। - इस कहानी का प्रमुख संदेश क्या है?
कहानी हमें सिखाती है कि हमें किसी की भी बातों पर यूं ही भरोसा नहीं करना चाहिए और समझदारी से निर्णय लेना चाहिए।
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