Lalchi Kutta Story In Hindi

इस Lalchi Kutta Story In Hindi कहानी में लालची कुत्ते की गलतफहमी और उसके लालच के कारण मिलने वाली सिख मिलती है, जिससे वह अपनी सबसे कीमती चीज़ खो बैठता है।

एक बार की बात है, एक छोटे से गाँव में मोती नाम का कुत्ता रहता था। वह गाँव के सभी कुत्तों से अलग था क्योंकि उसमें गहरी लालच की प्रवृत्ति थी। मोती का स्वभाव था कि उसे जो भी मिलता, वह उससे भी ज्यादा पाने की कोशिश करता। उसकी इस आदत के कारण गाँव के लोग उससे परेशान थे, लेकिन मोती को इसका कोई फर्क नहीं पड़ता था।

एक दिन मोती को जंगल के रास्ते पर चलते हुए एक मांस का टुकड़ा मिल गया। वह खुशी-खुशी मांस लेकर वापस गाँव की ओर जाने लगा।

Image of a dog finding a piece of meat

रास्ते में, उसे भूख लगी और उसने सोचा कि कहीं बैठकर इसे खा लेता हूँ। पर तभी उसकी नजर एक ऊँची पहाड़ी पर पड़ी, जहाँ एक बड़ा पत्थर था। उसने सोचा, “अगर मैं वहाँ बैठकर मांस खाऊँगा, तो कोई मुझे नहीं देखेगा और मेरा मांस भी सुरक्षित रहेगा।”मोती तेजी से पहाड़ी पर चढ़ने लगा।

image of a dog climbing a hill

जब वह पहाड़ी की चोटी पर पहुँचा, तो वहाँ से उसे एक गहरा कुआँ दिखा, जिसके अंदर साफ पानी भरा हुआ था। थकावट के कारण मोती ने कुएँ के पास जाकर पानी पीने का फैसला किया। जैसे ही वह पानी के पास झुका, उसने कुएँ के पानी में अपनी ही परछाई देखी। लेकिन मोती को लगा कि यह कोई दूसरा कुत्ता है, जिसके मुँह में भी मांस का टुकड़ा है।

image of a dog standing on a mouth of well where he saw his reflection

मोती के लालच ने उसे फिर जकड़ लिया। उसने सोचा, “अगर मैं इस कुत्ते से उसका मांस छीन लूँ, तो मेरे पास दो मांस के टुकड़े हो जाएंगे!” यह सोचकर उसने कुएँ के पानी में छलांग लगाने की कोशिश की। लेकिन जैसे ही वह कूदा, उसे अहसास हुआ कि वहाँ कोई दूसरा कुत्ता नहीं था, बल्कि वह अपनी ही परछाई देख रहा था। मोती कुएँ में गिर गया और उसके मुँह में जो मांस था, वह भी पानी में बह गया। बड़ी मुश्किल से वह बाहर निकला, पर अब न उसके पास मांस था और न उसकी भूख मिट सकी।

गाँव वापस आते समय मोती को अपनी गलती का अहसास हुआ। उसने सोचा, “मेरी लालच ने मुझे सब कुछ खोने पर मजबूर कर दिया। अगर मैं संतोष रखता, तो आज मांस खा पाता।” उस दिन के बाद मोती ने कभी लालच नहीं किया और संतोषपूर्वक जीवन जीने लगा।

Moral of Lalchi Kutta Story In Hindi:

लालच में अंधे होकर हम कभी लाभ नहीं पाते, बल्कि जो हमारे पास है, वह भी खो देते हैं। संतोष जीवन का सबसे बड़ा धन है।

FAQ’s on Lalchi Kutta Story In Hindi:

1. प्रश्न: मोती ने मांस का टुकड़ा कहाँ से पाया?

उत्तर: मोती को मांस का टुकड़ा जंगल के रास्ते में चलते हुए मिला, जिसे पाकर वह बेहद खुश हो गया और सुरक्षित जगह पर बैठकर उसे खाने की योजना बनाने लगा।

2. प्रश्न: मोती ने अपनी परछाई को क्या समझा?

उत्तर: मोती ने कुएँ के साफ पानी में अपनी ही परछाई देखी, लेकिन उसे लगा कि वह कोई दूसरा कुत्ता है, जिसके मुँह में भी मांस का टुकड़ा है, और इस लालच में उसने उसे छीनने की कोशिश की।

3. प्रश्न: मोती का कुएँ में कूदने का निर्णय क्यों गलत था?

उत्तर: मोती ने अपनी लालच के कारण सोचा कि वह दूसरे कुत्ते का मांस छीन सकता है, लेकिन यह उसकी भूल थी क्योंकि वह अपनी परछाई देख रहा था। इस गलतफहमी के कारण वह न केवल कुएँ में गिर गया बल्कि अपना मांस का टुकड़ा भी खो दिया।

4. प्रश्न: इस कहानी से क्या सीख मिलती है?

उत्तर: इस कहानी से यह नैतिक शिक्षा मिलती है कि लालच हमेशा नुकसान का कारण बनता है। जो हमारे पास है, उसी में संतुष्ट रहना ही सबसे बड़ा धन है, अन्यथा हम जो है, उसे भी खो सकते हैं।

5. प्रश्न: मोती ने अपनी गलती के बाद क्या सीखा?

उत्तर: मोती को अपनी लालच और मूर्खता का एहसास हुआ और उसने सीख लिया कि संतोष से बड़ा कोई गुण नहीं है। इसके बाद उसने जीवन में कभी लालच नहीं किया और संतोषपूर्वक जीवन जीने का निर्णय किया।

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