Hindi Story with Moral: जानें कैसे बातूनी कछुए ने खुद को मुसीबत में डाला

If you enjoy moral stories in Hindi, then this classic Hindi story with moral is for you! “बातूनी कछुआ” (The Talkative Turtle) is a tale of friendship and wisdom. In a forest pond, a turtle and two swans were best friends. When a drought dried up the pond, the swans found a new one but knew the turtle couldn’t reach it alone. They devised a plan: the turtle would hold onto a stick with his mouth, and the swans would carry him, with one condition – he must not speak during the flight.

As they flew over a village, the turtle couldn’t resist responding to the villagers’ shouts. The moment he opened his mouth, he fell to the ground. This moral story Hindi teaches us the value of silence and self-control. For more inspiring Hindi stories with moral, don’t miss our collection of Hindi moral stories in Hindi

परिचय

बातूनी कछुआ एक ऐसी प्रेरणादायक कहानी है जो हमें संयम और कम बोलने की महत्ता समझाती है। यह कहानी विशेष रूप से बच्चों के लिए है, जिससे वे छोटी-छोटी बातों में भी समझदारी का पालन करना सीख सकें। चलिए, जानते हैं इस कहानी के पात्रों और उनके अनुभवों के बारे में।

कदम्बवन का तालाब और वहाँ के निवासी

कदम्बवन के जंगल में एक सुंदर तालाब था जहाँ हंसों और कछुए का बसेरा था। यह तालाब वन के बीचोबीच स्थित था और सभी के लिए जल का मुख्य स्रोत था।

इस तालाब में दो हंस और एक कछुआ रहते थे। उनकी दोस्ती गहरी थी और वे एक-दूसरे के बिना अधूरे थे।

तालाब का सूखना और संकट की स्थिति

पूरे एक साल तक बारिश न होने के कारण तालाब का जलस्तर घटता गया।

धीरे-धीरे तालाब लगभग सूखने लगा और वहाँ रहने वाले सभी जीवों के लिए यह चिंता का विषय बन गया।

हंसों का निर्णय

हंसों ने स्थिति को समझते हुए एक नए तालाब की तलाश करने का निर्णय लिया।

हंसों ने समझा कि यदि उन्हें अपने जीवन को सुरक्षित रखना है तो उन्हें किसी नए तालाब का रुख करना होगा।

कछुए के सामने आई चुनौती

हंस तो आसानी से उड़कर नए तालाब में जा सकते थे, परंतु कछुआ यह सोचकर परेशान था कि वह कैसे वहाँ पहुँच पाएगा।

कछुए के लिए यह निर्णय कठिन था क्योंकि वह उड़ नहीं सकता था और तालाब का छोड़ना भी उसके लिए जरूरी था।

Hindi Story with Moral

हंसों की योजना

हंसों ने कछुए की समस्या का हल निकालने के लिए एक योजना बनाई। उन्होंने कहा कि वे एक मजबूत छड़ी लाएंगे और कछुए को उसे अपने मुँह से पकड़ने के लिए कहेंगे।

कछुए को बीच में से छड़ी पकड़कर उड़ान भरनी थी। इस योजना में कछुए को चुप रहना था।

बातूनी कछुए को दी गई चेतावनी

हंसों ने कछुए से कहा, “जब तक हम उड़ रहे हैं, तुम्हें कुछ नहीं बोलना चाहिए।”

कछुए ने हंसों से वादा किया कि वह बिल्कुल चुप रहेगा।

योजना का कार्यान्वयन

अगले दिन हंस एक मजबूत छड़ी लेकर आए। कछुए ने उसे मुँह से कसकर पकड़ लिया।

तीनों ने उड़ान भरी और वे नए तालाब की ओर बढ़े।

कस्बे में लोगों का उत्साह

रास्ते में कस्बे के लोगों ने उन्हें उड़ते हुए देखा और हैरान होकर खुश हो गए।

लोगों ने उत्साहित होकर आवाजें लगाईं और उस दृश्य को देखकर आनंदित हुए।

कछुए का संयम खोना

कछुआ लोगों की बात सुनकर खुद को रोक नहीं पाया और उन्हें जवाब देने के लिए मुँह खोल दिया।

जैसे ही कछुए ने मुँह खोला, वह जमीन पर गिर पड़ा और घायल हो गया।

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कछुए का गिरना और परिणाम

कछुए को अपनी बातूनी स्वभाव का खामियाजा भुगतना पड़ा। उसका मुँह खोलना ही उसकी गिरावट का कारण बना।

गिरने से कछुआ गंभीर रूप से घायल हो गया और उसने अपनी गलती से एक महत्वपूर्ण सीख ली।

शिक्षा और सीख

आवश्यकता से अधिक बोलने का महत्व

इस कहानी का संदेश है कि हमें आवश्यकता से अधिक नहीं बोलना चाहिए। कई बार बातें न कहना ही समझदारी होती है।

बच्चों और बड़ों के लिए संदेश

यह कहानी बच्चों और बड़ों दोनों को संयम का महत्व बताती है। यदि हम अपनी बातों पर संयम रखें तो हम अनावश्यक परेशानियों से बच सकते हैं।

संयम का महत्व

संयम जीवन का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है। इसे अपनाकर हम अपने जीवन को सरल और संतुलित बना सकते हैं।

कहानी का नैतिक संदेश

यह कहानी हमें यह भी सिखाती है कि आवश्यकता से अधिक बोलना हानिकारक हो सकता है। हमें परिस्थितियों के अनुसार संयम बरतना चाहिए।

निष्कर्ष

“बातूनी कछुआ” की कहानी एक महत्वपूर्ण संदेश देती है कि अधिक बोलना कभी-कभी हमारे लिए नुकसानदायक हो सकता है। यह एक शिक्षाप्रद कहानी है जो हमें संयमित और समझदार रहने की प्रेरणा देती है।

FAQs of Hindi Story with Moral:
  1. इस कहानी से क्या शिक्षा मिलती है?
    हमें संयमित रहने और आवश्यकता से अधिक नहीं बोलने की सीख मिलती है।
  2. कछुए ने क्या गलती की थी?
    कछुए ने अपनी बात कहने के लिए मुँह खोला, जिससे वह गिर पड़ा।
  3. हंसों ने कछुए को क्या चेतावनी दी थी?
    उन्होंने कछुए से कहा था कि वह उड़ान के दौरान मुँह न खोले।
  4. यह कहानी बच्चों को किस तरह की सीख देती है?
    यह बच्चों को संयम और समझदारी से काम करने का महत्व बताती है।
  5. संयम का हमारे जीवन में क्या महत्व है?
    संयम हमें जीवन में संतुलन और शांति बनाए रखने में मदद करता है।

 

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