आइए आज नीचे दी गई Hindi Story के माध्यम से जानें सावधान रहें कि आप किसे अपना दोस्त या शत्रु बनाते हैं
जंगल में हर तरफ हरी घास ही थी, एक घोड़ा हरी घास चर रहा था। अगर कोई यहां न आए तो मैं सारी घास खुद ही खा जाऊंगा, उसने सोचा।
कुछ देर बाद एक हिरण आया। घोड़े ने हिरण को घास खाते देखा तो उसे गुस्सा आ गया। घोड़ा हिरण के पास गया और चिल्लाया- यह मेरा इलाका है, जाओ और अपना इलाका ढूंढो।
हिरण ने शांति से जवाब दिया- यह जंगल हम सबका है, मैं कहीं नहीं जा रहा। घोड़े ने हिरण से बदला लेने का फैसला किया।
वह एक शिकारी के पास गया और बोला, मैं हिरण का शिकार करने में तुम्हारी मदद कर सकता हूं। शिकारी ने कहा कि वह बहुत तेज दौड़ता है, मैं उसका पीछा कैसे करूंगा? घोड़े ने जवाब दिया- मैं भी तेज हूं। तुम्हें बस मेरी पीठ पर बैठना है, मैं तुम्हें उसके पास ले जाऊंगा।
शिकारी तुरंत घोड़े की पीठ पर सवार हो गया। घोड़ा हिरण की ओर सरपट दौड़ा। शिकारी ने मौका देखते ही हिरण को मार डाला।
घोड़े ने कहा कि तुमने हिरण का शिकार कर लिया है। अब मुझे जाने दो। शिकारी हँसा, “मैंने सवारी का आनंद लिया। केवल एक मूर्ख ही तुम्हें जाने देगा। इस प्रकार जंगली घोड़ा एक शिकारी का नौकर बन गया।”
Moral Of Hindi Story:
सावधान रहें कि आप किसे अपना मित्र या शत्रु बनाते हैं
FAQ’s of Hindi Story
- इस कहानी में मुख्य पात्र कौन-कौन हैं?
इस कहानी में मुख्य पात्र घोड़ा, हिरण और शिकारी हैं। घोड़ा अपनी स्वार्थी प्रवृत्ति के चलते शिकारी के साथ मिलकर हिरण से बदला लेने का फैसला करता है, लेकिन अंत में खुद शिकारी का नौकर बन जाता है।
- कहानी का मुख्य संदेश क्या है?
इस कहानी का मुख्य संदेश यह है कि क्रोध और बदले की भावना व्यक्ति को नुकसान पहुंचा सकती है। घोड़े ने बदला लेने की कोशिश की, लेकिन अंततः वह खुद अपने स्वार्थी फैसले के कारण शिकारी का गुलाम बन गया।
- कहानी में शिकारी की भूमिका क्या है?
शिकारी इस कहानी में एक चालाक व्यक्ति की भूमिका निभाता है। वह घोड़े की सहायता से हिरण का शिकार करता है और बाद में घोड़े को धोखा देकर उसका नौकर बना लेता है।
- इस कहानी से बच्चों को क्या सिखने को मिलता है?
इस कहानी से बच्चों को यह सिखने को मिलता है कि दूसरों के प्रति स्वार्थी और क्रोधी रवैया अपनाने से हमेशा नुकसान होता है। हमें दूसरों के साथ शांति और सहनशीलता से पेश आना चाहिए।
- कहानी का शीर्षक “जंगली घोड़ा शिकारी का नौकर कैसे बना?” क्यों उपयुक्त है?
यह शीर्षक उपयुक्त है क्योंकि पूरी कहानी इसी घटना के इर्द-गिर्द घूमती है कि कैसे घोड़ा अपने क्रोध और स्वार्थ के कारण शिकारी का नौकर बन जाता है।
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