Best Short Hindi Story:लेख का परिचय
मानसून का मौसम आते ही प्रकृति में एक नई ताजगी छा जाती है। इस सुहावने मौसम में मोरों का नाचना तो सबको बहुत पसंद आता है। मोर के खूबसूरत पंखों और उसके नृत्य ने न केवल इंसानों को, बल्कि पक्षियों को भी आकर्षित किया है। इसी आधार पर आज की कहानी है एक नकलची नीलकंठ पक्षी पक्षी की, जो मोर बनने का प्रयास करता है। इस कहानी में हम देखेंगे कि कैसे नकल करने की कोशिश में वह खुद को मुसीबत में डाल लेता है।
मानसून का सुहावना मौसम
मानसून का मौसम था। चारों ओर हरियाली और ताजगी से भरा वातावरण था। बारिश की बूंदों में नाचते मोर की खूबसूरती हर किसी का मन मोह रही थी। मोर के पंख जैसे ही खुले, वे चमचमाने लगे और इस दृश्य को देखकर हर कोई मंत्रमुग्ध हो गया।
नीलकंठ पक्षी का मोर से ईर्ष्या करना
दूर एक नीलकंठ पक्षी (जिसे नीलकंठ भी कहते हैं) खड़ा था, जो मोर की सुंदरता को देखता रहा। उसे मोर के पंखों की खूबसूरती और नृत्य में आकर्षण देखकर ईर्ष्या होने लगी। उसके मन में आया, “काश मेरे भी ऐसे सुंदर पंख होते!”
नकलची नीलकंठ पक्षी की योजना
नीलकंठ पक्षी के मन में एक विचार आया। उसने मोर के गिरे हुए पंखों को इकट्ठा कर लिया और उन्हें अपनी पूंछ में बांध लिया। उसने खुद को एक विशेष प्रकार का मोर मान लिया और गर्व से इधर-उधर घूमने लगा।
दूसरे पक्षी का सवाल
थोड़ी देर बाद, एक अन्य नीलकंठ पक्षी उसके पास आया और बोला, “भाई, तुम तो मेरे जैसे ही दिखते हो, पर तुम्हारे कुछ पंख मोर जैसे क्यों हैं?” इस पर नकलची नीलकंठ पक्षी ने गर्व से कहा, “मैं एक खास प्रकार का मोर हूँ। मेरे जैसा कोई नहीं है।” इस उत्तर से दूसरा पक्षी थोड़ा शर्मिंदा होकर वहाँ से चला गया।
असली मोरों के बीच नकलची रोलर का झूठ
नकलची नीलकंठ पक्षी ने सोचा कि अब वह असली मोरों के बीच जाकर अपनी नकल को पूरी तरह से सफल बना सकता है। वह मोरों की सभा में चला गया और वहाँ अपनी जगह बनाने की कोशिश करने लगा।
मोरों का सवाल करना
मोरों ने उसे देखकर सवाल किया, “तुम कौन हो? तुम्हारे पंख तो हमारे जैसे दिखते हैं, लेकिन तुम्हारा शरीर हमारे जैसा नहीं है।” नकलची नीलकंठ पक्षी ने झूठ बोलते हुए कहा, “मैं एक विशेष प्रकार का मोर हूँ।”
झूठ का पर्दाफाश
मोर ने उसे नृत्य करने के लिए कहा। नकलची नीलकंठ पक्षी ने गर्व से अपने पंख फैलाए और नाचना शुरू कर दिया। लेकिन नाचते वक्त उसके नकली पंखों को बांधने वाली गांठें ढीली हो गईं और पंख गिरने लगे। उसका झूठ सामने आ गया, और सभी मोर उसकी नकल देखकर नाराज़ हो गए।
नकलची नीलकंठ की शर्मिंदगी
मोरों ने उसे सभा से बाहर निकाल दिया, और नकलची नीलकंठ पक्षी शर्मिंदा होकर अपने घोंसले में लौट गया। वहाँ उसका सामना उस पक्षी से हुआ, जिसे उसने पहले अपमानित किया था। सभी पक्षियों ने उसे उसकी नकल के लिए शर्मिंदा किया।
कहानी से शिक्षा
हमें अपनी असली पहचान पर गर्व करना चाहिए। दूसरों की नकल करने से केवल शर्मिंदगी ही मिलती है। इस कहानी से हमें यह समझ में आता है कि हमें अपने गुणों का आदर करना चाहिए और झूठ का सहारा नहीं लेना चाहिए।
FAQs of Best Short Hindi Story:
- नीलकंठ पक्षी ने मोर की नकल क्यों की?
नीलकंठ पक्षी ने मोर के पंखों की सुंदरता देखकर ईर्ष्या महसूस की और उसकी नकल करने का प्रयास किया। - नकलची नीलकंठ पक्षी का झूठ कैसे सामने आया?
नाचते समय उसके नकली पंख गिर गए, जिससे उसका झूठ उजागर हो गया। - इस कहानी से हमें क्या सीख मिलती है?
हमें अपनी पहचान पर गर्व करना चाहिए और दूसरों की नकल करने से बचना चाहिए। - क्या यह कहानी बच्चों के लिए प्रेरणादायक है?
हाँ, यह कहानी बच्चों को आत्म-सम्मान और ईमानदारी का महत्व सिखाती है। - मोर ने नकलची रोलर के साथ क्या किया?
मोर ने उसकी नकल को पहचानकर उसे सभा से बाहर निकाल दिया।
Related Moral Stories:
Best Moral Story In Hindi- नैतिक कहानियाँ
Short Moral Story in Hindi- तीन बैलों की कहानी
दो मुंह वाला सियार-Moral Story For Kids
जंगली सूअर और शेर की कहानी-संघर्ष का परिणाम
Hindi Story For Kids- दो तोतों की कहानी
यदि आप और अधिक कहानियाँ पढ़ना और खरीदना चाहते हैं, तो आप Amazon India और Flipkart से खरीद सकते हैं l
1 thought on “Best Short Hindi Story:नकलची नीलकंठ पक्षी की कहानी”