कपिलवन का खूंखार शेर
कपिलवन के घने जंगल में एक खूंखार शेर का राज चलता था। वह इतना भयावह था कि जंगल के सभी जानवर उससे डरते थे। शेर अपनी भूख मिटाने के लिए किसी भी जानवर को मार डालता था। उसकी ताकत और आक्रामकता के कारण जानवरों में डर का माहौल बना हुआ था।
जंगल के राजा की भूख
हर दिन शेर की भूख बढ़ती जा रही थी। वह बिना किसी परवाह के कई जानवरों को मार डालता था। जंगल के सभी जानवर उसकी दहाड़ से कांपने लगते थे।
जानवरों के बीच डर का माहौल
शेर का आतंक जंगल के सभी कोनों में फैल गया था। कोई भी जानवर शेर के सामने जाने की हिम्मत नहीं करता था। जंगल में एक भयंकर डर का माहौल छा गया था।
जानवरों की बैठक
जंगल के जानवरों ने मिलकर शेर के आतंक से छुटकारा पाने का फैसला किया। उन्होंने एक बड़ी बैठक बुलाई ताकि इसका कोई समाधान निकाला जा सके।
समाधान खोजने का प्रयास
बैठक में हर जानवर ने अपनी राय रखी, लेकिन कोई भी समाधान उन्हें ठीक नहीं लगा। अंततः, एक जानवर ने सुझाव दिया कि हर दिन एक जानवर को स्वेच्छा से शेर के पास भेजा जाए ताकि बाकी जानवर बच सकें।
रोज़ एक जानवर भेजने की योजना
यह योजना सबको सही लगी। इस योजना के अनुसार, हर दिन एक जानवर शेर के पास जाएगा ताकि शेर भूखा न रहे और बाकी जानवर सुरक्षित रहें।
शेर की सहमति
शेर को यह योजना बहुत पसंद आई। उसे अब अपने शिकार के लिए मेहनत नहीं करनी पड़ेगी। हर दिन उसे एक जानवर मिल जाएगा, जिससे उसकी भूख मिट जाएगी।
शेर का लालच
शेर ने तुरंत इस योजना को स्वीकार कर लिया। उसे लगा कि यह उसके लिए बहुत ही फायदेमंद होगा, क्योंकि अब उसे अपने शिकार के लिए मेहनत नहीं करनी पड़ेगी।
योजना का प्रारंभ
योजना के अनुसार, हर दिन एक जानवर शेर के पास भेजा जाने लगा। शुरू में शेर इस योजना से बहुत खुश था। उसे हर दिन आसानी से भोजन मिल जाता था।
खरगोश की बारी
कुछ दिनों बाद, एक छोटे और चतुर खरगोश की बारी आई। वह जानता था कि अगर उसने कुछ न किया तो वह भी शेर का भोजन बन जाएगा। उसने अपनी बुद्धिमानी से शेर को मात देने की योजना बनाई।
बुद्धिमानी का रास्ता
खरगोश ने सोचा कि अगर उसे अपनी जान बचानी है, तो उसे अपनी चतुराई का इस्तेमाल करना होगा। वह जानता था कि शेर से ताकत से लड़ना संभव नहीं है, लेकिन बुद्धि से वह शेर को हरा सकता है।
खरगोश की देरी
खरगोश जानबूझकर शेर के पास देर से पहुंचा। शेर पहले से ही भूखा और गुस्से में था। जैसे ही उसने छोटे खरगोश को देखा, वह गुस्से से दहाड़ने लगा।
शेर की नाराज़गी
शेर को गुस्सा आया कि आज उसके पास केवल एक छोटा खरगोश भेजा गया था। उसने गुस्से में खरगोश से पूछा, “क्या आज मेरे भोजन के लिए सिर्फ़ तुम ही भेजे गए हो?”
छोटे खरगोश से सवाल
शेर ने खरगोश से पूछा, “तुम इतने छोटे हो, क्या तुम मेरे भोजन के लिए काफी होगे?” खरगोश ने तुरंत अपनी चतुराई का इस्तेमाल किया और जवाब दिया, “नहीं महाराज, हम दो खरगोश थे।”
खरगोश की चतुराई
खरगोश ने कहा, “महाराज, जंगल में एक और शेर है। उसने दूसरे खरगोश को खा लिया और खुद को जंगल का नया राजा बता रहा है।”
जंगल में दूसरा शेर
खरगोश की बात सुनकर शेर का गुस्सा और बढ़ गया। उसे यह सुनकर बहुत बुरा लगा कि कोई और शेर खुद को राजा कह रहा है।
शेर के क्रोध की अग्नि
शेर को यह सहन नहीं हुआ कि कोई और उसके जंगल का राजा बने। उसने खरगोश से कहा, “मुझे उस शेर के पास ले चलो। मैं उसे दिखा दूँगा कि असली राजा कौन है।”
खरगोश का योजना बनाना
खरगोश शेर को कुएं के पास ले गया और बोला, “वह शेर इसी कुएं में रहता है।” शेर ने बिना सोचे-समझे कुएं में झांका और अपना ही प्रतिबिंब देखा।
कुएं की ओर यात्रा
शेर कुएं के पास पहुंचा और खरगोश ने उसे दिखाया कि दूसरा शेर कुएं के अंदर है। शेर को यकीन हो गया कि कोई और शेर उसके जंगल में है।
शेर का सफर
शेर ने तुरंत कुएं में झांककर देखा और अपने ही प्रतिबिंब को दूसरा शेर समझा। उसे लगा कि दूसरा शेर उससे लड़ने को तैयार है।
खरगोश की चाल
खरगोश ने चालाकी से शेर को भ्रमित कर दिया। शेर को लगने लगा कि कुएं में दूसरा शेर है, और उसे मारने के लिए वह कुएं में कूद गया।
शेर का प्रतिबिंब
कुएं में झांकते ही शेर ने अपना प्रतिबिंब देखा। जब उसने दहाड़ा, तो उसकी दहाड़ कुएं से वापस आई, जिससे वह और भ्रमित हो गया।
शेर की भ्रमित प्रतिक्रिया
शेर को लगने लगा कि कुएं में मौजूद दूसरा शेर भी उस पर हमला करने के लिए तैयार है। गुस्से में आकर उसने कुएं में कूदने का फैसला किया।
कुएं की दहाड़
शेर ने पूरी ताकत से कुएं में छलांग लगा दी, लेकिन उसे यह नहीं पता था कि वह अपने ही प्रतिबिंब को देख रहा है। कुएं में कूदते ही वह डूब गया।
शेर की मृत्यु
शेर कुएं में कूदते ही डूब गया और उसकी कहानी वहीं समाप्त हो गई। शेर के मरते ही जंगल के जानवरों ने चैन की सांस ली।
शेर का कुएं में कूदना
शेर की मृत्यु के बाद जंगल के जानवरों में खुशी का माहौल छा गया। अब उन्हें शेर से डरने की जरूरत नहीं थी।
जंगल का शांति से भरना
शेर के मरने के बाद जंगल में हमेशा के लिए शांति छा गई। अब सभी जानवर खुशी-खुशी रहने लगे।
शिक्षा: बुद्धि सबसे बड़ी ताकत है
इस कहानी से हमें यह सिखने को मिलता है कि ताकत से बड़ी बुद्धि होती है। छोटे से खरगोश ने अपनी चतुराई से एक खतरनाक शेर को हरा दिया।
शिक्षा का महत्व
किसी भी परिस्थिति में बुद्धिमानी से काम लेना हमेशा फायदेमंद होता है। अगर हम सही तरीके से सोचें, तो हम किसी भी बड़ी समस्या का हल ढूंढ सकते हैं।
कहानी का सार
इस कहानी का मुख्य सार यह है कि भले ही हमारी ताकत कम हो, लेकिन हमारी बुद्धि हमें बड़ी से बड़ी मुश्किल से बाहर निकाल सकती है।
निष्कर्ष
कपिलवन के इस कहानी से यह साबित होता है कि हमेशा ताकत ही नहीं, बल्कि बुद्धिमानी का भी महत्व होता है। एक छोटे से खरगोश ने अपनी चतुराई से शेर को हरा दिया और जंगल में शांति स्थापित कर दी।
बुद्धि की जीत
हर समस्या का हल ताकत से नहीं होता, कभी-कभी बुद्धिमानी सबसे बड़ी ताकत होती है। खरगोश की कहानी इसका उत्तम उदाहरण है।
छोटा खरगोश, बड़ा काम
इस कहानी से हमें यह सिखने को मिलता है कि चाहे आप कितने भी छोटे हों, अगर आपकी सोच सही है, तो आप बड़े काम कर सकते हैं।
FAQs of कपिलवन का खूंखार शेर:
- इस कहानी की मुख्य शिक्षा क्या है?
इस कहानी से हमें यह सीखने को मिलता है कि बुद्धि ताकत से बड़ी होती है। - शेर ने क्यों सोचा कि कुएं में दूसरा शेर है?
शेर ने कुएं में अपना प्रतिबिंब देखा और समझा कि वह दूसरा शेर है। - खरगोश ने शेर को कैसे हराया?
खरगोश ने अपनी चतुराई से शेर को भ्रमित किया और उसे कुएं में कूदने पर मजबूर किया। - क्या जानवरों ने शेर से डरना बंद कर दिया?
हां, शेर के मरने के बाद जानवरों ने चैन की सांस ली और खुशी-खुशी रहने लगे। - इस कहानी में कौन सी प्रमुख नैतिक शिक्षा छुपी है?
कहानी का प्रमुख नैतिक संदेश है कि किसी भी मुश्किल स्थिति का सामना करने के लिए बुद्धिमानी का उपयोग सबसे बड़ा हथियार है।
Related Moral Stories:
Best Moral Story In Hindi- नैतिक कहानियाँ
Short Moral Story in Hindi- तीन बैलों की कहानी
जंगली सूअर और शेर की कहानी-संघर्ष का परिणाम
Hindi Story For Kids- दो तोतों की कहानी
यदि आप और अधिक कहानियाँ पढ़ना और खरीदना चाहते हैं, तो आप Amazon India और Flipkart से खरीद सकते हैं l
1 thought on “कपिलवन का खूंखार शेर-Best Hindi Story”