परिचय
कहानियाँ सिर्फ मनोरंजन का जरिया ही नहीं होतीं, बल्कि उनमें छुपी होती है गहरी सीख। आज हम एक प्यारी सी कहानी के माध्यम से यह जानेंगे कि कैसे एक छोटी भूरी मुर्गी ने गलती से एक बड़ा नीला अंडा का पीछा किया और अंत में उससे बहुत कुछ सीखा।
छोटी भूरी मुर्गी और उसकी खोज
एक शांत सुबह, छोटी भूरी मुर्गी खेत के आँगन में घूम रही थी। अचानक उसकी नज़र एक अजीब सी चीज़ पर पड़ी। यह एक बड़ी, नीली और गोल चीज़ थी जो बिल्कुल अंडे जैसी लग रही थी।
अंडा समझने की गलती
मुर्गी उस बड़ी नीली चीज़ के चारों ओर धीरे-धीरे घूमने लगी। उसने उसे सूँघा, चोंच से थपथपाया और ध्यान से सुना। “यह अंडे जैसा गोल है, तो यह अंडा ही होगा,” उसने अपने मन में सोचा। वह खुश थी कि उसे एक नया अंडा मिला।
अंडे को गर्म रखने का प्रयास
छोटी भूरी मुर्गी ने फैसला किया कि वह इस अंडे को तब तक गर्म रखेगी जब तक वह फूट न जाए। वह अंडे पर बैठ गई और धैर्य से उसके फूटने का इंतज़ार करने लगी। उसे विश्वास था कि जल्द ही उससे एक बच्चा निकलेगा।
अंडे का न फूटना
मुर्गी ने घंटों इंतज़ार किया, फिर दिन बीते, लेकिन कुछ नहीं हुआ। वह थोड़ी चिंतित होने लगी। “शायद मैंने इसे पर्याप्त गर्म नहीं किया,” उसने खुद से कहा। उसे अब संदेह होने लगा था।
अंडे को घोंसले से बाहर धकेलना
चिंता में, उसने अपनी चोंच से अंडे को हल्के से धक्का दिया। अचानक, अंडा घोंसले से बाहर गिर गया और तेजी से उछलने लगा।
बड़ा नीला अंडा का उछलना
बोइंग! बोइंग! बोइंग! बड़ा नीला अंडा पूरे खेत में उछलने लगा। मुर्गी हैरान रह गई और तुरंत उसके पीछे भागी। “अंडे को रोको!” वह चिल्लाई, लेकिन अंडा तो तेजी से आगे बढ़ता जा रहा था।
मुर्गी का अंडे के पीछे भागना
छोटी भूरी मुर्गी ने जितनी तेज़ी से हो सकता था, उस नीले अंडे के पीछे दौड़ना शुरू किया। वह कोशिश कर रही थी कि किसी तरह उसे रोक ले, लेकिन अंडा हर बार उसकी पकड़ से दूर हो जाता।
शीबा का अंडा पकड़ना
तभी शीबा नामक कुत्ती ने अंडे को अपने पंजों में पकड़ लिया। “मैं इसे पूरे दिन ढूँढ़ती रही,” शीबा ने खुश होकर कहा। “धन्यवाद इसे ढूँढ़ने में मेरी मदद करने के लिए!”
अंडे की सच्चाई
छोटी भूरी मुर्गी ने कहा, “मुझे नहीं पता था कि कुत्ते अंडे देते हैं!” इस पर शीबा जोर से हंस पड़ी। उसने कहा, “यह अंडा नहीं है, मूर्ख। यह मेरे पिल्ला की पसंदीदा उछलती गेंद है!”
कुत्तों के अंडे देने की गलती
मुर्गी ने सोचा था कि उसने एक नया अंडा खोजा है, लेकिन यह उसके लिए एक बड़ा भ्रम साबित हुआ। उसे यह महसूस हुआ कि कभी-कभी चीज़ें वैसी नहीं होतीं जैसी वे दिखती हैं।
उछलती गेंद की असलियत
शीबा की हंसी सुनकर मुर्गी थोड़ा शर्मिंदा हो गई, लेकिन फिर उसे भी हंसी आ गई। उसने समझा कि उसने एक बड़ी गलती की थी, लेकिन यह गलती उससे कुछ नया सिखा गई।
मुर्गी की उलझन
हालांकि, मुर्गी अब भी थोड़ा उलझन में थी। “मैंने सोचा था कि यह अंडा था,” उसने कहा। लेकिन फिर उसने सोचा, “शायद अगली बार मैं ध्यान से देखूँगी।”
कहानी का नैतिक पक्ष
कहानी से हमें यह शिक्षा मिलती है कि हमेशा सतर्क रहना चाहिए और जल्दबाजी में किसी निष्कर्ष पर नहीं पहुँच जाना चाहिए। हमें हर चीज़ को ध्यान से देखना और समझना चाहिए ताकि हम गलतफहमी का शिकार न बनें।
निष्कर्ष
छोटी भूरी मुर्गी की यह कहानी हमें सिखाती है कि जीवन में कभी-कभी हम बड़ी गलतियाँ कर सकते हैं, लेकिन उन गलतियों से हम कुछ नया सीख सकते हैं। यह कहानी सरल होते हुए भी एक महत्वपूर्ण सीख देती है कि हमें धैर्य और समझदारी से काम लेना चाहिए।
FAQs:
- यह कहानी किस बारे में है?
यह कहानी एक छोटी भूरी मुर्गी की है जिसने एक बड़ी नीली गेंद को अंडा समझ लिया और उसके पीछे दौड़ने लगी। - मुर्गी को अंडा क्यों लगा?
नीली गेंद का आकार अंडे जैसा गोल था, इसलिए मुर्गी ने उसे अंडा समझ लिया। - शीबा कौन थी?
शीबा एक भेड़-कुत्ती थी, जिसने मुर्गी की गलती को समझा और उसे बताया कि वह अंडा नहीं बल्कि उसके पपी की गेंद है। - इस कहानी का मुख्य संदेश क्या है?
कहानी का मुख्य संदेश यह है कि हमें जल्दबाजी में किसी निष्कर्ष पर नहीं पहुँच जाना चाहिए और चीजों को ध्यान से देखना चाहिए। - मुर्गी ने क्या सीखा?
मुर्गी ने सीखा कि हमें सतर्क रहना चाहिए और बिना समझे किसी चीज़ पर विश्वास नहीं करना चाहिए।
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